Soil Genesis in Hindi (मृदा उत्पत्ति )

आज इस Article में Soil Genesis in Hindi ( मृदा उत्पत्ति ) के बारे में पढ़ेंगे। जिसमे पढ़ेंगे मृदा क्या है ? (What is Soil in Hindi ), मृदा की उत्पत्ति कैसे होती है ?

What is Soil in Hindi (मृदा क्या है ?)

पृथ्वी की सबसे ऊपरी उथली हुई सतह को मृदा या मिट्टी कहते है। मृदा प्रकृति का दिया हुआ एक बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन है। मृदा अलग-अलग तरह से मनुष्य के काम आती है तथा मृदा द्वारा फल, सब्जी, पेड़, पौधे उगाना आदि संबंधित कार्यों को अंजाम दिया जाता है।

Definition of Soil in Hindi (मृदा की परिभाषा )

मृदा शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द सोलम से हुई है। जिसका अर्थ “Floor” फर्श है। इस प्रकार मृदा भूमि की ऊपरी परत मानी जाती है। मृदा के ठीक ऊपर वनस्पतियां या जंतु निवास करते हैं। मिट्टी में कार्बनिक तथा अकार्बनिक मूल रूप से सम्मिलित होते हैं। जलवायु तथा स्थान के हिसाब से मृदा का रूप विभिन्न होता है।

चलिए अब मृदा की उत्पत्ति के बारे में पढ़ते है।

Soil Genesis in Hindi (मृदा उत्पत्ति )

मृदा का निर्माण या उत्पत्ति चट्टानों के विघटन द्वारा होती है। चट्टानों के विघटन के विपरीत मौसम, कार्बनिक पदार्थ आदि का भी मिट्टी के निर्माण में मूल रूप से योगदान रहता है। सरल भाषा में कहें तो चट्टानों के भौतिक रासायनिक, जैविक गुणों से मृदा का निर्माण होता है।

एलुमिनियम, पोटेशियम सोडियम, कैल्शियम, मैग्निशियम और मैगजीन मृदा में मूल रूप से पाए जाते हैं। यह सब चट्टानों के विघटन से निर्मित होने वाली मृदा में उत्पन्न होते हैं। यह सूक्ष्म जीवों की क्रियाओं के लिए सहायक होते हैं।

मृदा या मिट्टी का कार्बनिक हिस्सा पादप तथा प्राणी समूह के सदस्यों से सम्मिलित होकर निर्मित होता है। इस प्रक्रिया के कारण मेरे मृदा में अपघटन होता है और फल स्वरुप ही मृदा में ह्यूमस का निर्माण होता है।

मिट्टी में पाए जाने वाले कार्बनिक तथा अकार्बनिक कण कोशिका के रसायनों को निर्मित करते हैं। उदाहरण -: बहुशर्करा। यह रसायन का मृदा के कणों को आपस में जोड़ते हैं।

मृदा का संगठन अथवा मृदा के घटक ( Soil Composition or Factor of Soil)

मृदा का संगठन अथवा मृदा के घटक निम्नलिखित प्रकार से है-:

खनिज पदार्थ
इन खनिज पदार्थों का निर्माण चट्टानों के टूटने से होता है।

मृदा कार्बनिक पदार्थ या ह्यूमस
ह्यूमस का निर्माण मृत जीवों के विघटन के फलस्वरुप होता है।

मृदा जल या घोल
मृदा जल एक घोल के रूप में उपलब्ध होता है‌ तथा इसमें मिट्टी एवं गैस उपलब्ध रहती है। यह खनिज तथा पादपों से संबंधित क्रियाओं के लिए भी सहायक होता है।

जीव तंत्र
मृदा में विभिन्न जातियों के जीव पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए शैवाल, जीवाणु, कवक, केंचुआ और निमैटोडस आदि जीव पाए जाते हैं।

मृदा वायुमंडल

मृदा के कणों के बीच में वायु का स्थान होता है। इन कणों के मध्य कार्बन डाइऑक्साइड ज्यादा तथा ऑक्सीजन कम मात्रा में उपलब्ध होती है। यह दोनों का स्थान मृदा के कणों के मध्य होता है।