Soil Conversation in Hindi ( मृदा संरक्षण ) मिट्टी का संरक्षण कैसे किया जाता है? मृदा संरक्षण के 4 तरीके क्या हैं?

इस Article में Soil Conversation in Hindi ( मृदा संरक्षण ) के बारे में पढ़ेंगे। जिसमे पढ़ेंगे What is Soil Conversation in Hindi (मृदा संरक्षण क्या है ?), Why Important Soil Conversation in Hindi (मृदा सरक्षण क्यों महत्त्वपूर्ण है ?), Soil Conservation methods in Hindi (मृदा सरंक्षण की विधिया ) आदि।

What is Soil Conversation in Hindi ( मृदा`q संरक्षण क्या है ? )

मृदा संरक्षण एक सयोजन है और एक विधि है जो कि मिट्टी को अपने स्थान से हटाने के लिए उपयोग की जाती है और मृदा अपरदन को रोकने के लिए किये जाने वाले उपयोग को बढ़ाया जाना ही मृदा का संरक्षण करना है। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात मृदा संरक्षण की यह है कि मिट्टी के संरक्षण को एक जीवित पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में माना जाता है।इसका मतलब ये होता है कि मिटटी में जैविक पदार्थो का लगातार मिट्टी में लौटाना, जिससे उसका क्षरण रुके ।

साधारण शब्दों में कहे तो मृदा संरक्षण एक सुरक्षा है जो मिट्टी की उत्पादकता को बनाये रखने के लिए बेहद जरुरी है जिसमे पोषक तत्वों को जोड़ने का कार्य किया जाता है । मृदा संरक्षण को एक उदाहरण के तौर पर देखे तो मिटटी को कटाव से बचने के लिए गीली घास से ढंकना या घटती मिट्टी में पोषक खाद को डालना है, जिससे मिटटी की उर्वरक क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है।

मृदा संरक्षण उपयोगी क्यों है ?

मृदा संरक्षण का उपयोग मिटटी को स्वस्थ रखने पर केंद्रित होता है जिसमे कई प्रथाओं और तकनीकों के संयोजन की मदद ली जाती है । मृदा संरक्षण के अंतर्गत प्रतिबद्ध व्यक्ति यह सुनिश्चित करते है कि मिट्टी उपजाऊ और उत्पादक है, और इसे क्षरण और गिरावट से बचने के लिए ही ये प्रयास किया जाता है।

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Soil Conservation methods in Hindi (मृदा सरंक्षण की विधिया )

मृदा एक बहुत ही उपयोगी और महत्वपूर्ण संसाधन है और किसी न किसी रूप से समस्त जीवो के लिए भरण और पोषण के लिए बेहद ही जरुरी है। मृदा अर्थात मिटटी के निर्माण की प्रक्रिया बहुत धीमी होती है। मृदा अपरदन के कारण मिट्टी की प्रक्रिया में और भी समस्याऐ पैदा कर दी है। इसके संरक्षण के लिए कई प्रकार की विधियाँ उपयोगी है

वनो का संरक्षण

वर्षा का मुख्य श्रोत वन कहे जाते है लेकिन वनो में की जाने वाली कटाई के कारण मृदा अपरदन हो रहा है। हलाकि सरकार ने वनो को सुरक्षित घोषित कर दिया है जिस कारण वनो में वृक्षों की कटाई पर रोक लग गई है। मृदा के संरक्षण के लिए सबसे जरुरी विधि यही है क्युकि वनो के कारण मृदा का सरक्षण किया जा सकता है।

अधिक वृक्षों को रोपण करना

अधिक से अधिक वृक्षों को लगाना जैसे कि नदी घाटियों, बंजर पड़ी भूमि पर और पहाड़ी ढालो पर किया जाना ही मृदा संरक्षण की विधि है। रेगिस्तान की रेत खेतो पर न जमे इसके लिए मरुस्थलीय भूमि पर बृक्षों का लगाया जाना भी मृदा संरक्षण की एक विधि है।

बाढ़ को नियंत्रण करना

अक्सर वर्षा के समय पर कई नदियों में बाढ़ आ जाती है जिसके द्वारा मृदा का अपरदन बाद जाता है। इसको रोकने के लिए नदियों के रुख को सूखे पड़े हुए नहरों और तालाबों की तरफ किया जाना चाहिए। जल के संरक्षण के लिए और भी विधिया अपनानी चाहिए जिससे मृदा अपरदन कम से कम हो।

इसके अलावा और भी कई विधियों से मृदा के संरक्षण को बढ़ाया जा सकता है जैसे बांध बनाया जाना , खेतो को सीढ़ीदार बनाना , उपजाऊ खाद का प्रयोग करना, हवा के द्वारा होने वाले कटाव से मृदा के अपरदन को कम करने के लिए उपजाऊ मिट्टी को गीली घास से ढक देना ये सभी विधियों के द्वारा मृदा का संरक्षण किया जा सकता है।