इस Article में Soil Organic Matter in Hindi ( मृदा कार्बनिक पदार्थ ) का लेख दिया गया है। जिसमे What is Soil Organic Matter in Hindi (मृदा कार्बनिक पदार्थ क्या है ?), मृदा कार्बनिक पदार्थ के श्रोत, मृदा कार्बनिक पदार्थ का संगठन आदि जानकारी शामिल है।
What is Soil Organic Matter in Hindi (मृदा कार्बनिक पदार्थ क्या है ?)
जंतु एवं वनस्पति पदार्थो के जो अवशेष मृदा में मिलाये जाते है या वे मृदा में ही खुद होते है। ऐसे पदार्थो को मृदा कार्बनिक पदार्थ कहते है।कार्बनिक पदार्थ शब्द में हनूमस (जो की कार्बनिक पदार्थ विच्छेदन तथा संश्लेषण प्रतिक्रियाओं से बनता है ) पौधो की जड़े तथा अन्य भाग आते है। इसके साथ – साथ सूक्ष्म जीव तथा कीड़े, मकोड़े अन्य जन्तुओ के मृत शरीर तथा मृदा में मिलाये जाने वाला खाद भी कार्बनिक पदार्थ शब्द में आते है। यह खनिज मृदा तथा पीट मृदा का एक मुख्य अवयव है। खनिज मृदा में इसकी मात्रा 0.1 % से 5 % तक होती है। जबकि पीट मृदाओ में इसकी मात्रा 20 से 95% तक होती है।
मृदा कार्बनिक पदार्थ के श्रोत
मृदा कार्बनिक पदार्थ में मुख्य दो श्रोत है।
- पादप श्रोत
- जंतु श्रोत
पादप श्रोत
इस प्रकार के श्रोत में विभिन्न प्रकार श्रोत होते है। उदाहरण के लिए पेड़ पौधे एवं फषलों के अवशेष, हरी खाद की फसले, गोबर खाद एवं कम्पोस्ट, बिछाली एवं पशुओ का बिछावन आदि।
जंतु श्रोत
जंतु प्राय: मृदा कार्बनिक पदार्थ के द्वितीयक श्रोत है। कीड़े, मकोड़े तथा जंतु जो मृदा में रहते है मरने के बाद उनके अवशेष मृदा में मिल जाते है। शुष्क खून, हड्डियों का चुरा आदि भी मृदा कार्बनिक पदार्थ में श्रोत होते है।
मृदा कार्बनिक पदार्थ का संगठन
मृदा कार्बनिक पदार्थ पौधो तथा जन्तुओ के अवषोषो से बना एक जटिल पदार्थ है। इसमें दो प्रकार के योगिक है।
- कार्बनिक योगिक
- अकार्बनिक योगिक
कार्बनिक योगिक
कार्बनिक योगिक दो वर्गों में होते है।
(i) नाइट्रोज़न युक्त यौगिक (ii) नाइट्रोज़न रहित यौगिक
नाइट्रोज़न युक्त यौगिक
इन यौगिक में मुख्य रूप से प्रोटीन्स, न्यूक्लियोप्रोटीन्स, पेप्टाइस, पेप्टोंस, प्रोटियोस, एल्केनाइड्स, प्यूरीन, पिरि तथा पिरीमिडीन यौगिक सम्मिलित होते है। ये सभी जल अविलेय होते है। दुसरे प्रकार के यौगिक जैसे नाइट्रेट, ऐमोनीकल यौगिक एमरॉडस एमींस तथा एमीनो आदि जल विलेय होते है।
नाइट्रोज़न रहित योगिक
इन यौगिकों में मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट्स, ईथर, विलेय यौगिक तथा कुटकर यौगिक आते है।
अकार्बनिक यौगिक
मृदा में सामान्यत: तीन प्रकार की अकार्बनिक सामग्री होती है।
- अकार्बनिक रेत
- अकार्बनिक गाद
- Clay ( मिट्टी )
अकार्बनिक रेत
रेत को समझे तो ये मोटे डेन वाली तलछट का एक साधन है। जो की नग्न आँखों को दिखाई देती है। इसके कण आकार में 0.05 मिलीमीटर से 2.0 मिलीमीटर तक होते है। रेत के कण में मैग्नेटाइट या क्वार्ट्ज़ इसके अतिरिक्त अन्य खनिज अपक्षय चट्टान के टुकड़े आदि होते है।
अकार्बनिक गाद
ये एक बहुत ही महीन दाने वाली वाली तलछट होती है। इसको नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता है। इसको देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी की आवश्यकता होती है। गाद के कण का आकार 0.002 मिलीमीटर से 0.05 मिलीमीटर तक हो सकता है। ये भी चट्टानों के अपक्षय के द्वारा उत्पन्न होती है। इसमें फेल्डस्पार और क्वार्ट्ज़ इसके अतिरिक्त अन्य खनिज अन्य खनिज के दाने आदि होते है। जिस मिट्टी में गाद की अधिकतम मात्रा होती है। वो पौधो (Plants) की वृद्धि के लिए के लिए नमी बना कर रखती है। लेकिन कई मायनो में ये जल निकासी को सीमित कर देती है। जिससे मिट्टी की जुताई करना मुश्किल भी हो जाता है। गाद मिट्टी से बड़ी होती है। और ये रेत से छोटी होती है।
Clay ( मिट्टी )
अकार्बनिक गाद की तरह ये भी महीन दाने वाली तलछट होती है। इसके कण 0 . 002 मिलीमीटर से छोटे होते है। और ये चट्टानों के महत्त्वपूर्ण अपक्षय के परिणामस्वरूप होते है। जो भी खनिज होते है जैसे – फेल्डस्पार आदि ये सब मिट्टी बनाने के बाद ख़राब हो जाते है। ये भी अकार्बनिक गाद की तरह ही पौधो की वृद्धि के लिए नमी बनाये रखती है।
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